Tuesday, July 24, 2018

पुखराज रत्न और पुखराज रत्न पहनने के फायदे | Gems Stone.in

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Pukhraj stone :-

पीले रंग का यह कीमती रत्‍न गुरू का रत्‍न होता है जिसे अंग्रेजी में ‘टोपाज’ (Topaz Stone)कहते हैं। इस रत्‍न का स्‍वामी बृहस्‍पति है और यह हीरे और माणिक के बाद तीसरा सबसे कठोर रत्‍न है। यह मुख्‍य रूप से पीले रंग का होता है लेकिन अलग-अलग भौगोलिक स्‍थ‍िति के कारण ये पीले के पांच अलग-अलग शेड में पाया जाता है।






पुखराज रत्न की पहचान कैसे करें :-

ज्योतिषशास्त्र में पुखराज को गुरू का रत्न माना गया है। यह देखने में पीले रंग का काफी सुंदर रत्न होता है। जिसकी कुण्डली में गुरू की स्थिति कमजोर होती है, उसे पुखराज पहनने की सलाह दी जाती है। पुखराज एक महंगा रत्न है। गुरू के मजबूत होने से जीवन में आने वाली बाधाओं से राहत मिलती है। गुरू के शुभ होने पर भी पुखराज को धारण कर सकते हैं। इसको धारण करने से बधाओं से छुटकारा मिलता है। 


Monday, July 23, 2018

जानिए कौन सा रत्न है आपके लिए फायदेमंद | Vani Gems Stone

जानिए कौन सा रत्न है आपके लिए फायदेमंद | Vani Gems Stone in Hindi



   कुंडली के अनुसार कौन से भाव का रत्न पहने -

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में कमजोर ग्रहों से शुभ प्रभाव लेने के लिए रत्‍नों का उपयोग बताया गया है। ज्योतिष में रत्‍नों के उपयोग को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। तमाम ज्योतिषाचार्य तो यहां तक दावा करते हैं कि रत्‍न धारण करने से जिंदगी ही बदल जाती है। आइए जानते हैं कि ज्योतिष विद्या में कितने तरह के रत्‍नों के बारे में बताया गया है और किसका उपयोग किसलिए किया जाता है|








⇛  रत्न कितने प्रकार के होते हैं -

रत्न मुख्यतः नौ प्रकार के होते है। ज्योतिष बताते हैं कि सूर्य की प्रबलता के लिए माणिक, तो चन्द्र के लिए मोती पहनना चाहिए। इसी तरह जिसका मंगल ग्रह कमजोर होता है उसे मूंगा पहनने की सलाह दी जाती है। वहीं बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद, केतु के लिए लहसुनियांपहना जाता है |




⇛  रत्‍नों का प्रभाव :-

सभी रत्नों का उपरत्न भी होता है, जितना अच्छा रत्न होता है। उसका प्रभाव भी उतना अधिक होता है। सभी रत्नों का उनके ग्रहों के अनुसार दिन और अंगुलियां निर्धारित की गई है। रत्नों को शुभ समय में धारण करना चाहिए। मूंगा, नीलम और मानिक एक ही हाथ में नहीं पहनना चाहिए।






⇛  रत्‍नों का चुनाव कैसे करें :- 

कभी भी राशियों के हिसाब से रत्न नहीं पहनने चाहिए। रत्‍न का चुनाव हमेशा कुंडली के ग्रहों की स्थिति को देखते हुए करना चाहिए। सामान्यत: रत्नों के बारे में कई तरह की भ्रांतियां हैं। विवाह न हो रहा हो तो पुखराज पहनने की सलाह दी जाती है। मांगलिक होने पर मूंगा पहनने की। गुस्सा आने पर मोती पहनने को कहा जाता है,लेकिन कौन सा रत्न कब पहना जाए इसके लिए कुंडली का सूक्ष्म निरीक्षण जरूरी होता है।कभी भी राशियों के हिसाब से रत्न नहीं पहनने चाहिए। रत्‍न का चुनाव हमेशा कुंडली के ग्रहों की स्थिति को देखते हुए करना चाहिए। सामान्यत: रत्नों के बारे में कई तरह की भ्रांतियां हैं। विवाह न हो रहा हो तो पुखराज पहनने की सलाह दी जाती है। मांगलिक होने पर मूंगा पहनने की। गुस्सा आने पर मोती पहनने को कहा जाता है,लेकिन कौन सा रत्न कब पहना जाए इसके लिए कुंडली का सूक्ष्म निरीक्षण जरूरी होता है।









⇛ रत्न धारण कैसे करें :- 

 रत्‍न धारण करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि रत्‍न शरीर से टच हो, क्योंकि रत्‍नों का काम सूर्य से ऊर्जा लेकर उसे शरीर में प्रवाहित करना होता है।ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही रत्‍न धारण करना चाहिए |